मनोज शौकीन का जन्म बाहरी दिल्ली के निलोठी गाँव में किसान परिवार में हुआ |बाल्यकाल से ही वह संघ की शाखा में जाते थे |वहाँ गाये जाने वाले गीत की लाईनें “तन समर्पित मन समर्पित ,तुझको यह जीवन समर्पित |चाहता हूँ मेरे देश की माटी ,तुझको मैं कुछ और भी दूँ |”उनके मन में गहरे घर कर गयीं |स्कूली शिक्षा के साथ वह धर्म-कर्म की शिक्षा अपने धर्म परायण माता-पिता से व् समाजसेवा की शिक्षा राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ से ग्रहण करते रहे |
शिक्षा पूरी करते समय ही उनका जुड़ाव छात्र राजनीति में हुआ |अपने साथियों में वह खासे लोकप्रिय थे |समाजसेवा के संकल्प को उसी समय पंख मिल गये जब उनकी भेंट दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री स्व.साहिब सिंह वर्मा जी से हुई |वर्मा जी ने मनोज शौकीन की समाजसेवा में रूचि व् तीव्र ललक देखते हुए उन्हें वर्ष 1990 में नांगलोई का युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष का पद दिया और युवाओं को एकत्र करके भारतीय जनता पार्टी से जोड़ने का निर्देश दिया |
इसके बाद मनोज शौकीन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा |वर्ष 1997 में उन्हें निगम पार्षद की टिकट मिली और उनके कार्यों को देखते हुए उन्हें नजफगढ़ जोन का चेयरमैन बनाया गया |इसके बाद वह संगठन को मजबूत बनाने में लगे रहे |उन्हें पार्टी ने जिलाध्यक्ष व् दिल्ली प्रदेश में मंत्री का पद भी दिया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और कई कमजोर स्थानों पर भी मजबूत संगठन खड़ा करके पार्टी को मजबूत किया |
वर्ष 2008 में उन्हें मुंडका विधानसभा से टिकट मिला और उन्होंने शीला दीक्षित के करीबी और दो बार विधायक रहे डॉ.पीसी कौशिक को करीब सोलह हजार वोटों से हराकर मुंडका विधानसभा सीट पार्टी के खाते में डाली और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ अनधिकृत कालोनियों में भी जमकर विकास कार्य करवाते हुए अपने विधायक फंड से छह सौ ,पैतीस करोड़ रूपये के काम करवाए और दिल्ली के सभी सत्तर विधायकों में पार्टी और क्षेत्र का नाम ऊँचा किया |उन्हें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मजदूर संघ का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया |
वर्ष 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व् दिल्ली प्रभारी श्री नितिन गड गरी जी ने एक रणनीति के तहत नांगलोई विधानसभा का एक गुप्त सर्वे करवाया |इस सीट से लगातार दो बार कांग्रेस से विधायक रहे एवं अजेय कहे जाने वाले डॉ.बिजेंद्र सिंह को हराने व् यह सीट भाजपा की झोली में डालने का मादा रखने वाले नेता के रूप में मनोज शौकीन का नाम उस सर्वेक्षण में उभरकर सामने आया| शीर्ष नेतृत्व ने दूरदर्शिता दिखाते हुए नांगलोई विधानसभा सीट से उन्हें चुनाव लड़वाने का फैसला किया |पार्टी के इस अप्रत्याशित फैसले को मनोज शौकीन ने सच्चे सिपाही की तरह स्वीकार किया और पूरी ताकत से चुनाव लड़कर नांगलोई विधानसभा में कांग्रेस के मजबूत स्तम्भ को ढहा दिया |वह करीब बारह हजार वोटों से चुनाव जीते |इससे पार्टी में उनकी छवि और मजबूत हुई |इस दौरान उन्होंने नांगलोई विधानसभा में अच्छा काम किया |सरकारी महकमों में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया ,स्कूलों में कमरों का निर्माण करवाया ,सीवरों की सफाई के लिए प्राइवेट टैक्टर-टैंकर व् निजी सफाई कर्मचारी रखे |शिवराम पार्क व् निहाल विहार को कम समय में नजफगढ़ रोड से जोड़ने के लिए दलेर मेहँदी फार्म हाउस के साथ से नाले के दोनों तरफ रोड चौड़ी करने व् अंडरपास का काम ,निहार विहार 50 फुटा रोड के दोनों ओर नालों का पुनर्निर्माण व् निगम पार्षदों के साथ मिलकर नगर निगम से भी अच्छा काम करवाया |एलिवेटेड रोड,बस डिपो जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं का खाका बना ही रहे थे तब तक दिल्ली में राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो गया |
विधानसभा ज्यादा दिन चल न सकी |चुनाव की घोषणा हो गयी |नांगलोई विधानसभा के सारे समीकरण व् सर्वे मनोज शौकीन के पक्ष में थे |लेकिन आम आदमी पार्टी ने अचानक भाजपा के ही पार्षद और एक महत्वाकांक्षी नेता को टिकट दे दिया |पार्टी के इस सदस्य के अचानक पाला बदल लेने पर मनोज शौकीन को हार का सामना करना पड़ा |अन्ना आन्दोलन के कारण एक नई पार्टी के जन्म और उसके लोकलुभावन वायदों में दिल्ली की जनता बह गयी |
इसके बाद भी मनोज शौकीन समाजसेवा और पार्टी के लिए काम करते रहे |विगत दिनों हुए नगर निगम चुनावों के समय तत्कालीन दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी को बाहरी दिल्ली जिले से नगर निगम की नाव पार लगाने व् ज्यादा से ज्यादा सीटें जितवाने के लिए मनोज शौकीन का नाम ध्यान में आया और चुनाव के समय ही उन्हें बाहरी दिल्ली जिले का वैकल्पिक जिलाध्यक्ष मनोनीत कर दिया |टिकटें बंट चुकी थीं |अचानक मिली जिम्मेदारी और बिना पूर्व तैयारी के भी उन्होंने उस नाजुक स्थिति में कदम पीछे नहीं खींचा और अपनी जिम्मेदारी मानते हुए जिलाध्यक्ष के रूप में जी- तोड़ मेहनत की |रात-दिन एक करके उन्होंने बाहरी दिल्ली जिले से नगर निगम की अच्छी संख्या में सीटें निकालकर दीं |इससे पार्टी में उनकी और विश्वसनीयता बढ़ी तथा पार्टी ने तीसरी बार उन्हें जिलाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी |इतना ही नहीं बवाना के विधानसभा उपचुनाव में ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी पकड़ देखते हुए पार्टी ने उन्हें सह चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है |मनोज शौकीन शालीन और संस्कारवान व्यक्तित्व के धनी हैं |ऐसे उर्जावान और यशस्वी नेता से दिल्ली को बड़ी उम्मीदें हैं |